किया है इस तरह से तुझसे हमने प्यार बहोत!
तेरे आने का भी हमने किया इंतज़ार बहोत!!
प्यार तो प्यार है, क्या लेना और क्या देना!
लेकिन हिसाब उसमें भी तू ने किया बहोत!!
हमतो समझे थे तेरे प्यार की है ये सौगात!
जताया तूने है हमपे किया एहसान बहोत!!
बीते ज़माने,हम न समझ पाए हैं तुझे!
देखा तुझे भी हमने है परेशान बहोत!!
जिंदगी बीतनी है यूं भी बीत जाएगी !
किसी के साथ का करो न इंतज़ार बहोत!!
अंतिम पंक्तियाँ दिल को छू गयीं.... बहुत सुंदर कविता....
जवाब देंहटाएं.शब्दों को चुन-चुन कर तराशा है आपने ...प्रशंसनीय रचना।
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