तुम्हारे लिए ----
तुम हो साथ मेरे-
पल - पल,
हर छन.
हर अच्छे एहसास में
हर अवसाद भरे पल में भी .
ज़िन्दगी में वो सुख के पल पाए हैं
जब तुम थे साथ मेरे--
केवल तुम....
ज़िन्दगी का हर वो लम्हा
जहाँ कहीं मैं अकेली थी-
उदासी भरे पलों में
उस समय में भी थे
तुम साथ-साथ ही-
लेकिन थोड़ी दूरी पर
चलते हुए
पर थे साथ-साथ.......
१जनवरी, 2०१०
तुम हो साथ मेरे-
पल - पल,
हर छन.
हर अच्छे एहसास में
हर अवसाद भरे पल में भी .
ज़िन्दगी में वो सुख के पल पाए हैं
जब तुम थे साथ मेरे--
केवल तुम....
ज़िन्दगी का हर वो लम्हा
जहाँ कहीं मैं अकेली थी-
उदासी भरे पलों में
उस समय में भी थे
तुम साथ-साथ ही-
लेकिन थोड़ी दूरी पर
चलते हुए
पर थे साथ-साथ.......
१जनवरी, 2०१०
वाह पहली बार पढ़ा आपको बहुत अच्छा लगा.
जवाब देंहटाएंआप बहुत अच्छा लिखती हैं और गहरा भी.
बधाई.
कुछ तो है इस कविता में, जो मन को छू गयी।
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