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मंगलवार, 28 मई 2013

मेरी नज़र......




बारिश में भीगना
कितना सुकून देता है...!
तभी तो किसी की 
याद में भीगे पल
भिगो जाते हैं 
हमारे मन को.......!!


शनिवार, 25 मई 2013

तनाव......






कभी-कभी-
जीवन में.....
कितनी सहजता से
मुक्ति मिल जाती है
हर चीज़ से...
कि आप कल्पना नहीं कर सकते है,
जब तक-
आप किसी चीज़ को पकड़ कर
रखने कि कोशिश करते  हैं,
तभी तक उसके छूटने पर
आपको दर्द और दुःख का
एहसास होता है.
जब हाथ ही खुला हो
तो छूटने का या--
छोड़ने का दर्द नहीं होता..
हथेली पर,
और उसके एहसास को
आप हमेशा महसूस कर सकते हैं !!
बंद मुट्ठी
खुलने पर तनाव का
एहसास दिलाती है !!
फिर  बात हथेली की हो
या दिल की...............!!!



रविवार, 19 मई 2013

होता तो है....






होता तो है....
ये प्यार चीज़ ही ऐसी है
प्यार जब होता है तो....
कुछ कहाँ दीखता है...!!
मीरा के भजन,
ग़ालिब के शेर,
गुलज़ार की रोमानी नज्में....
अख्तर के जादुई कलाम....
लता,रफ़ी और मुकेश की दिलकश आवाज़..
सब खुद में ही दिखाई 
और सुनाई देने लगते हैं..!
हर वो भाव अपने से लगते है..
जो गीतों में उतर जाते हैं.. 
हर वो आवाज़ अपनी ही लगती है..
जो दर्द के सुर में गाती है....
प्रेम ऐसा होता है...
प्रेम वैसा होता है...
फिर भी प्रेम कैसा होता है....??
बड़ा मुश्किल हो जाता है बताना...
और तब तो और भी ज्यादा... 
जब इंसान हर वक्त 
बस प्रेम में ही होता है...!!




मंगलवार, 14 मई 2013

मदारी .....








मदारी कुछ भी नहीं...
बिना जम्हूरे के...!
ये अलग बात है...
दिखाई यही देता है कि...
सारा खेल मदारी के हाथ है......!
लेकिन जब ज्यादा होशियार हो जाये जम्हूरा...
तो मदारी की खैर नहीं...!
सारे गुर और अंदाज़ के साथ..
एक नया मदारी करतब दिखने को तैयार है...
नया जम्हूरा बनने को तो 
कई लोग तैयार हैं..!
उन्हें पता है...
इस मदारी के जाते ही उनका नंबर आने वाला है....
और फिर उन्हीं के हाथों..
यही खेल नए सिरे से चलने वाला है....!



मंगलवार, 7 मई 2013

सलीका......





                  

                     हमीं से हम हैं,तुम हो और है ये कायनात अपनी
                     न होते हम तो फूलों में कहाँ से रंग-ओ-बू आती...!
                     हमारे प्यार से तुम थे कभी...पर आज बस हम हैं
                     सलीका हम से सीखा आपने अब शर्म है आती....!!