जो पढ़ सको तो...मेरी नज़रों को पढ़ो..
जो भी देखोगे....नायाब दिखेगा...!
कर सको तो...जरा महसूस करो...
मेरी सांसों में इक तूफ़ान मिलेगा...!
बदहवासी तेरी ले आई कहाँ तुझको
इस जहाँ में तो तुझे कुछ न मिलेगा...!
तेरी भटकन...तेरी उलझन बन गयी...
मुझे न तू मिला....तू खुद से न मिलेगा...!
खो गया तू अगर इन आँखों में मेरी...
तुझको अपना ही इक जहान मिलेगा...!