मुझको जब से मुहब्बत हुई...
इस जहां से अदावत हुई...!
इश्क़ को जब खुदा कर लिया...
ज़िन्दगी इक इबादत हुई...!
आपने जब दुआ दी मुझे...
ठीक मेरी तबीयत हुई...!
चाँद आगोश में आ गया...
आज पूरी ये मन्नत हुई...!
मुस्कुरा कर हमें देखना...
या खुदा, ये हिमाकत हुई....!
साँस थम सी गयी थी मेरी...
आप आये तो हरकत हुई...!
रात 'पूनम' अकेली नहीं...
चाँदनी की इनायत हुई...!
***पूनम***