कृष्णा के साथ...
एक नयी सुबह...
१-१-२०१२
इस साल की पहली सुबह पैगाम लेकर आयी है !
हालात जो बे-मेल से थे, छोड़ पीछे आयी है !!
अच्छा हुआ जो आप मिल बैठे हैं मुझसे राह में !
मतलब के थे जो रिश्ते-नाते छोड़ पीछे आयी है !!
इस साल में सब खुश रहें,फूलें,फलें,गम भूल कर !
दुश्मन हों हमसे दूर, और हो दूर जो सौदाई है !!
हमने तुझे माना है जबसे फूल खिलते चारों सू !
बिखरे हुए हैं रंग जैसे आज होली आयी है !!
आओ लगा ले इस सुबह को हम गले से बार बार !
ऐसी सुबह से ही तो यारों हमने ज़न्नत पाई है !!
जो था गया पिछले बरस अच्छा-बुरा जैसा भी था !
सब भूल जाएँ ! यह सुबह सन्देश ऐसा लाई है.....!!