दिल से निकली हुई दुआ हूँ मैं..
रस्म ए उल्फ़त का सिलसिला हूँ मैं..!
लब़ ए खामोश ग़रचे जाहिर हूँ..
इश्क़ का ऐसा फ़लसफ़ा हूँ मैं..!
मुझको महफ़िल में कर दिया रुसवा...
बेवफ़ा आप, बावफ़ा हूँ मैं...!
बन के ख़ुशबू समा गई दामन...
ज़ुल्फ लहराए वो हवा हूँ मैं...!
लाख बातें बनाये ये दुनिया...
सच मगर क्या है जानता हूँ मैं..!
अपनी मंज़िल नज़र नहीं आती..
इक मुसलसल सा रास्ता हूँ मैं...!
रात 'पूनम' सी हो गयी रौशन...
ज़ीनते रात हूँ, शमा हूँ मैं...!
***पूनम***
आवश्यक सूचना :
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जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लेख है Movie4me you share a useful information.
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