bas yun...hi....
मंगलवार, 7 मई 2013
सलीका......
हमीं से हम हैं,तुम हो और है ये कायनात अपनी
न होते हम तो फूलों में कहाँ से रंग-ओ-बू आती...!
हमारे प्यार से तुम थे कभी...पर आज बस हम हैं
सलीका हम से सीखा आपने अब शर्म है आती....!!
2 टिप्पणियां:
Anita
8 मई 2013 को 2:41 am बजे
हम ही हम हैं क्योंकि तुम भी समा गए हो हम में..सुंदर भावपूर्ण रचना..
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somali
13 मई 2013 को 7:04 am बजे
bhut sundar
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हम ही हम हैं क्योंकि तुम भी समा गए हो हम में..सुंदर भावपूर्ण रचना..
जवाब देंहटाएंbhut sundar
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