फासलों से गुज़रा है वो चाहा जिसे हमने बहुत !
नक्श क़दमों के लिए हम दिल पे ही बैठे रहे !!
आज है वो दिन कि तन्हाई बनी हमराज अपनी !
इस तरह ये फासला हमने सुहाना कर लिया !!!
अब सफ़र है और मैं हूँ तू भी है हर वक़्त साथ !
और खामोशी है कुछ जिससे है दामन भर लिया !!
मेरे दामन में खिली ऐसी बहार-ए-वस्ले यार !
तुझको तुझसे ही चुरा कर मैंने अपना कर लिया !!
गर जो तू आ भी गया मेरे कभी दिल के करीब !
तू न पहचानेगा मुझको इस तरह पर्दा किया !!
है नहीं बस में तेरे खुद को समझाना मेरे यार !!
कैसे समझेगा मुझे खुद से जुदा जब कर दिया !!
हर लफ्ज़ में जैसे कोई दर्द बयाँ होता है ..बहुत खूब
जवाब देंहटाएंदर्द ही दर्द है………मार्मिक अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंसुंदर भावाभिव्यक्ति के लिए आभार
जवाब देंहटाएंsashakt aur bhawpurn.
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया अभिव्यक्ति है.आप की कलम को सलाम. मेरे ब्लाग पर पधारने और बहुमूल्य टिप्पणी के शुक्रिया.हम सब अपने लिए ही लिखते हैं.मेरी कवितायें मेरी आत्म स्वीकृती है. मुझे पहचानने के लिए आप का तहेदिल से शुक्रिया.आप ने खुद को भी पहचान लिया है.फिर से शुक्रिया.मैंने आप की कविता नि:शब्द पढी. मेरी ज़ात के बहुत करीब है आप की कविता. खुदा ने चाहा तो हम इस पहचान को आगे बढ़ायेंगे .
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ......कमाल की पंक्तियाँ.....
जवाब देंहटाएंपहली बार आया यहाँ अच्छा लगा.....
बहुत दिल से लिखती हैं आप.
जवाब देंहटाएंतीनों रचनाएँ बहुत सुन्दर हैं.
बहुत ही सुन्दर भावमय करते शब्द ...बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
जवाब देंहटाएंपूनम जी, अच्छा लगा आपके सृजन संसार से गुजरना।
जवाब देंहटाएं-------
क्या आपको मालूम है कि हिन्दी के सर्वाधिक चर्चित ब्लॉग कौन से हैं?
आदरणीय पूनम जी
जवाब देंहटाएंनमस्कार !
तीनों रचनाएँ बहुत सुन्दर हैं.
..........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती
आप बहुत अच्छा लिखतें हैं...वाकई.... आशा हैं आपसे बहुत कुछ सीखने को मिलेगा....!!
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंआप सभी का बहुत-बहुत शुक्रिया....!!!!
जवाब देंहटाएंwaah...waah..बहुत खूब
जवाब देंहटाएंहर लफ्ज़ में दर्द बयाँ होता है
bahut dil se aur bahut doob ke likha hai
dil ko chhoo gaya
aabhaar
bahut sundar rachna bdhi dost
जवाब देंहटाएंbahut sunder.....
जवाब देंहटाएंबेहद खूबसूरत भावपूर्ण रचना ......
जवाब देंहटाएंपूनम जी
जवाब देंहटाएंएक नजर में कविता को समझना मुश्किल है ..इस कविता के भाव को गहराई से समझना अति आवश्यक है ..पूरी कविता में आध्यात्म का समावेश है ,,और अंतिम पंक्तियाँ कविता कि चरम परिणति हैं ...आपका आभार इस सुंदर सी कविता के लिए
पूनम जी,
जवाब देंहटाएंएक सुन्दर और भावपूर्ण रचना लिखने के लिये बधाई स्वीकारे ।
सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंसार्थक अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंअच्छी रचना
जवाब देंहटाएंइस बार मेरे ब्लॉग में क्या श्रीनगर में तिरंगा राष्ट्र का अहित कर सकता है