चाह
ज़िन्दगी कुछ अजीब सी
रंगीन हों गई है !
शाम के बाद फिर
रात हसीन हो गई है !!
है इंतज़ार जिसका.....
आता है दबे पाँव वो,
मुस्करा के बंद करता है...
मेरी आँखों को
अपने हाथ से वो,
तू मेरा प्यार है...
मन में छुपा हुआ है मेरे,
ऐ खुदा !!
यूं न छुपा खुद को
सामने आजा मेरे !!!
बहुत खूबसूरत एहसास
जवाब देंहटाएंnaye andaz men ek sunder kavita.
जवाब देंहटाएंनए अंदाज में एक खूबसूरत एहसास| धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंbahut khubsurat rachna, jindagi ke falsafe ki bilkul naya kalewar diya hai aapne Waah
जवाब देंहटाएंbahut hi khoobrurat rachna .....wah kya waat hai
जवाब देंहटाएंPunam ji kya kahoon is rachna ke baare mein .... lajawaab ...
... बेहद प्रभावशाली अभिव्यक्ति है ।
जवाब देंहटाएंजो मन में छुपा बाहर आए
जवाब देंहटाएंहसरतें पूरी हो जाए
मुलाक़ात खुदा से हो ये
दुआ मेरी
इज़हार खुदा की चाहत का
बखूबी किया
जब मिल जाए
इज़हार मुलाक़ात का भी करना कलम से यूँ ही लिखते रहना
अच्छी अभिव्यक्ती