मेरे पास है
यादों का एक कमरा.....
जिसमें बंद हैं
कुछ एहसास..
अनजाने..
अनकहे...
अनमने..
अनछुए...!
कुछ खुशियाँ हैं...
तुम्हारी...
मेरी...
कुछ हमारी...!
कुछ गम भी हैं...
तेरे...
मेरे...
कुछ अपने...!
और हैं कुछ
उदासियाँ भी.....
लेकिन यहाँ मैं हूँ......
सिर्फ और सिर्फ मैं.....!!
यहाँ तुम
दूर दूर तक
नज़र नहीं आते...!!
एकांत
जवाब देंहटाएंउदासियों में सिर्फ मैं .... सुंदर नज़्म
जवाब देंहटाएंएकांत का गहरा एहसास
जवाब देंहटाएंlatest postअनुभूति : कुम्भ मेला
recent postमेरे विचार मेरी अनुभूति: पिंजड़े की पंछी
कहीं कोई तो एकाकी सा अपना घर हो..
जवाब देंहटाएंउस अकेलेपन की कसक यहाँ तक पहुंची...बहुत सुन्दर !
जवाब देंहटाएंकोमल अहसास युक्त भावपूर्ण रचना...
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