एक मुहब्बत की थी मैंने...
एक मुहब्बत करती हूँ.....
एक मुहब्बत तुम थे...मैं थी...
एक मुहब्बत.......बस मैं हूँ !
तुमको पा कर पाया सब कुछ
सब कुछ पा कर खोया है
तेरी मुहब्बत तू ही जाने
पाक मुहब्बत में....मैं हूँ !
तेरी दुनिया तू था...तू है
मेरी दुनिया थी तुझमें....
आज मेरी दुनिया है मुझमें
आज मेरी दुनिया मैं हूँ........!!
खुद से प्यार करो , दुनिया हंसी हो जाएगी ॥
जवाब देंहटाएंबहुत खुबसूरत ।
जवाब देंहटाएंलोग प्रेम में इतना उकझ क्यों जाते हैं. --रचना अच्छी है.
जवाब देंहटाएंLatest post हे माँ वीणा वादिनी शारदे !
terri muhabbat tu hi jaane
जवाब देंहटाएंpaak muhabbat main hoon...main hoo...
bahut khoob
बहुत खूब पूनम जी....दुनिया किसी के प्यार में जन्नत से कम नहीं....
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत खुबसूरत एहसास पिरोये है अपने......
जवाब देंहटाएंस्वयं बस प्रसन्न रहने की चाह है..वह रहेगी तो बिखरेगी ही..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर...
जवाब देंहटाएंखुद को चाहने से बड़ी कोई ख़ुशी नहीं...
अनु
ख़ुशी ऐसे भी ढूढी जा सकती है..... वाह
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