रिश्ते और स्वाद...
कुछ अजीब नहीं लगता सुन कर...!!!
नहीं जनाब !
एकदम सही कह रही हूँ...
आप भी तनिक अपने
आजू-बाजू झांकिए
और हर रिश्ते में
एक नया स्वाद खोजिये !
बड़े आराम से आप पायेंगे...
इन रिश्तों में स्वाद !
बस कुछ ही रिश्ते
होते हैं बेस्वाद ....!
कुछ रिश्ते होते हैं
light chocolate की तरह...
हलके से मीठे,
बड़े ही आराम से...
घुल से जाते है
जुबान पर रखते ही
(और दिल में भी ),
कुछ रिश्ते होते हैं
dark chocolate की तरह
मीठे फिर भी कसैले !
किसी रिश्ते में घुली होती है
ice -cream सी ठंडक और मिठास,
तो किसी में होती है
चाट की तरह कुछ-कुछ खटास !
कुछ रिश्ते होते हैं
मिर्च की तरह तीखे और कडुवे,
और कुछ होते हैं
विष की तरह विषैले...!
किसी रिश्ते में होता है
नमकीन भुजिया सा नमक,
और किसी में होती है
choco-pie सी चमक !
किन्हीं रिश्तों में लगी होती है
जुजुब्स की तरह ऊपर से चीनी
लेकिन भीतर-भीतर
होते हैं चिपचिपे से,
और कुछ रिश्ते होते हैं
ऊपर से lolipop की तरह मीठे
लेकिन भीतर-भीतर कुछ अजीब से !
हर रिश्ता इस जिन्दगी का
जुड़ा हुआ है कुछ इसी तरह के
स्वाद की तरह हमसे भी....!
हर तरह के ज़ज्बात,एहसास
महसूस होते हैं इन रिश्तों में भी !
और इन्हीं से है बहार
अपने इस जीवन में भी......!!
यदि न हों ऐसे रिश्ते
आपके जीवन में.............
तो जारी रखिये खोज आप भी.........!!!
aaj kal swadisht to lagte hein
जवाब देंहटाएंpar kirkiraahat se bhare hote hein
is liye sab khoj mein lage rahte hein
बहुत सुंदर ! मीठे, तीखे, खट्टे और नमकीन रिश्तों की दास्तान बहुत अच्छी रही...आभार!
जवाब देंहटाएंखट्टे मीठे रिश्ते सच आज अलग अलग स्वाद महसूस हो रहा है
जवाब देंहटाएंवाह.......रिश्तों को देखने का एक नया नजरिया मिला है आज.........चख चख कर देखता रहता हूँ और कुछ जो कड़वे निकलते हैं बेरों की तरह उन्हें फेंकता भी रहता हूँ ......बहुत सुन्दर और अलग सी ये पोस्ट बहुत अच्छी लगी|
जवाब देंहटाएंरिश्तों के स्वाद से भरी बेहतरीन कविता।
जवाब देंहटाएंसादर
पूनम जी .... समझ नहीं पा रहा हूँ मैं इस ज्ञान को अपनी जिंदगी में कैसे अप्लाई करूँ
जवाब देंहटाएंबहुत ही लाजबाब रचना वाह कमाल है !!
लाजवाब स्वादिष्ट रचना...
जवाब देंहटाएंसबका अन्तर ऐसा ही तरल हो...
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया....
जवाब देंहटाएंमन बड़ा मचल रहा था की हर डिश का एक उदाहरण दे डालूं...
:-)
बेहतरीन रचना..
भावपूर्ण प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंरिश्तों की मिठास यूँ ही बनी रहे
जवाब देंहटाएंhahahaha bahut ache hai rishte..... :)
जवाब देंहटाएंएक पोस्ट पर सारे स्वाद मिल गए बहुत खूब ....
जवाब देंहटाएंसही लिखा.. हर इक रिश्ते में नया स्वाद होता है......अच्छी सिमिलेरिटी की प्रस्तुती......
जवाब देंहटाएंबधाई ...
मेरी नयी कविता तो नहीं उस जैसी पंक्तियाँ "जोश "पढने के लिए मेरे ब्लॉग पे आयें...
http://dilkikashmakash.blogspot.com/
रिश्तो में नता स्वाद तो होता ही है
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंbahot swadisht rachna .par ek baat bataiye.. mujhe ek khas rishta aajkal, chabai ja chuki chewing gum -sa swad deta hai.. kya karun ??
जवाब देंहटाएंnizaat paayen us rishte se...!
हटाएंpaper ke kisi tukde mein lapet kar kinaare rakh den...!!
aur mukt ho jaayen...!!!
सही कहा आपने,हर रिश्ते का है अपना स्वाद।
जवाब देंहटाएंयह तो आपने कमाल कर दिया है, पूनम जी
जवाब देंहटाएंरिश्तों में ही कितने स्वाद चखा दिए आपने
इनमें तो आपकी रसोई के स्वादों की खुशबू आ रही है.
जब आपकी कविता इतनी जायकेदार है
तो आपके हाथ से बने व्यंजनों का तो कहना ही क्या होगा.
अपने सुवचनों का कुछ स्वाद मेरे ब्लॉग पर भी चखाईयेगा जी.
आपका इंतजार है.
आपके इस उत्कृष्ठ लेखन का आभार ।
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