नहीं चाहिए सूखे फूल मुझे तेरे आंसू से भीगे शब्दों को समेटने के लिए मैं हूँ बस यूँ ही मैं भी कहूँगा - 'मैं देखूं तो सही दुनिया तुम्हें कैसे सताती है ... मुझसे कहो तो सही '
भाई की बातों को बहन द्वारा एकदम अन्यथा नहीं लिया जाता...! आपके concern के लिए आपकी ह्रदय से आभारी हूँ..! आप इन सूखे फूलों की तरफ देखें भी मत...! आपके लिए कुछ ताज़े फूलों को चुनने की कोशिश करती हूँ...!! आपकी good wishes इसी तरह बनी रहे....!! मैं एकदम दुखी नहीं हूँ बल्कि खुशी ही दूनी हो गई है.... एक भाई जो मिल गया है... आपका आभार... ! सच में दिल से !!
कोमल संवेदना को प्रस्तुत करती सुन्दर अभिव्यक्ति.कवि हृदय को समझना कोई आसान काम नहीं.आभार.
जवाब देंहटाएंस्मृतियों की महक सदा ही बनी रहती है, नवीन।
जवाब देंहटाएंकितनी सरलता से ह्रदय कि छूते हुए निकल गए आप ....
जवाब देंहटाएंवाह !
sukomal bhavon ke pushp gucchh ki khusbu mein puri tarah bheeng gaya...
जवाब देंहटाएंwaah ....words...touched the heart softly...
जवाब देंहटाएंभाई मुझे माना है तो बहन जो कहो , इसका फ़र्ज़ निभाऊंगा ...
जवाब देंहटाएंनहीं चाहिए सूखे फूल मुझे
जवाब देंहटाएंतेरे आंसू से भीगे शब्दों को समेटने के लिए मैं हूँ
बस यूँ ही मैं भी कहूँगा -
'मैं देखूं तो सही दुनिया तुम्हें कैसे सताती है ...
मुझसे कहो तो सही '
todaythots@gmail.com
जवाब देंहटाएंबहन आप जब चाहें मुझसे सम्पर्क कर सकती हैं ... मेरी कही बात को अन्यथा मत लेना, कभी भी दुखी मत होना ...।
किशोर भाई ....
जवाब देंहटाएंभाई की बातों को बहन द्वारा एकदम अन्यथा नहीं लिया जाता...!
आपके concern के लिए आपकी ह्रदय से आभारी हूँ..!
आप इन सूखे फूलों की तरफ देखें भी मत...!
आपके लिए कुछ ताज़े फूलों को चुनने की कोशिश करती हूँ...!!
आपकी good wishes इसी तरह बनी रहे....!!
मैं एकदम दुखी नहीं हूँ बल्कि खुशी ही दूनी हो गई है....
एक भाई जो मिल गया है...
आपका आभार... !
सच में दिल से !!
राकेशजी...
जवाब देंहटाएंप्रवीणजी...
आनंदजी..
विजयजी....
बबनजी...
आप सभी का आभार..
यहाँ तक आने के लिए...!!
bahut achchi likhi hai......
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ... सूखे हुए फूलों में भी खुश्बू होती है ... प्यार की खुश्बू ....
जवाब देंहटाएंप्रशंसनीय,अच्छा लिखा है...
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