जो पढ़ सको तो...मेरी नज़रों को पढ़ो..
जो भी देखोगे....नायाब दिखेगा...!
कर सको तो...जरा महसूस करो...
मेरी सांसों में इक तूफ़ान मिलेगा...!
बदहवासी तेरी ले आई कहाँ तुझको
इस जहाँ में तो तुझे कुछ न मिलेगा...!
तेरी भटकन...तेरी उलझन बन गयी...
मुझे न तू मिला....तू खुद से न मिलेगा...!
खो गया तू अगर इन आँखों में मेरी...
तुझको अपना ही इक जहान मिलेगा...!
बहुत खूब ...सुंदर भावभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंप्यारी कविता।
जवाब देंहटाएंसुन्दर कविता.
जवाब देंहटाएंवाह, जज्बा हो तो ऐसा..
जवाब देंहटाएंवाह बहुत खूब दी।
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत खूब | अत्यंत सुन्दर रचना | नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें |
जवाब देंहटाएंकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
वाह .. जरूरी है की वो खो जाएँ ... इन आँखों में ..
जवाब देंहटाएं