तेरे होने के एहसास को इस तरह जिया है मैंने कि अब अपने होने का एहसास ही खो गया है मुझसे कहीं...! अब एहसास है मुझे बस मेरे वजूद का, और नहीं भी है.... क्यूँ कि वो मिल गया है.. तेरे वजूद के संग...!!
पिछली टिप्पणी में गलत सूचना के लिये खेद है --- दिनांक 16 /12/2012 (रविवार)को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है . धन्यवाद!
फूटा घट, जल जलहिं समाना...
जवाब देंहटाएंhmmmm
जवाब देंहटाएंथोडे शब्दों में बहुत कुछ कह डाला,आपने.
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंपिछली टिप्पणी में गलत सूचना के लिये खेद है ---
जवाब देंहटाएंदिनांक 16 /12/2012 (रविवार)को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है .
धन्यवाद!
वजूद मेरा मिल गया तुम से अब हमारा वजूद एक है ..मेरा वजूद तुम्ही से है. बहुत खूब
जवाब देंहटाएंमेरी नई कविता आपके इंतज़ार में है नम मौसम, भीगी जमीं ..
बहुत खूब
जवाब देंहटाएंबेहद सुन्दर भाव....
जवाब देंहटाएं:-)