चाँद यूँ चमका सितारों ने रौशनी खो दी,
रात यूँ महकी हवा चुपचाप सो गयी !
दूर था फिर कैसे पास वो आ गया मेरे,
कुछ अलग सी थी मगर ये बात हो गयी !
चलते चलते राह में कुछ छोड़ आये थे,
फिर उसी बाबत ये मुलाकात हो गयी !
हम समझते थे कि तू आयेगा इस तरफ,
जाने कैसे उस तरफ मेरी राह मुड़ गयी !
दिल जला कुछ इस तरह रौशन हुई शम्मा,
हाँ...! उसी दिल से ये रौशन रात हो गयी !
वाह..............
जवाब देंहटाएंचलते चलते राह में कुछ छोड़ आये थे..
फिर उसी बाबत ये मुलाक़ात हो गयी...
बहुत सुन्दर पूनम जी......
बहुत खूबसूरत गजल ...
जवाब देंहटाएंदिल में रोशनी होने से सारे जहाँ चमकने लगता है।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भावमयी रचना....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना है बधाई।
जवाब देंहटाएंआपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 05-04-2012 को यहाँ भी है
जवाब देंहटाएं.... आज की नयी पुरानी हलचल में ......सुनो मत छेड़ो सुख तान .
रातें यूँ ही रोशन होती रहे
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत रचना
जवाब देंहटाएंबिम्ब खूबसूरत
बहुत ही सुन्दर
जवाब देंहटाएंगहन भाव की अभिव्यक्ति...
सुन्दर प्रस्तुति....
.....खूबसूरत रचना
जवाब देंहटाएंसंजय भास्कर
आदत....मुस्कुराने की
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
प्यार जो न कराए...
जवाब देंहटाएंsundar rachana..achaal lagaa padhkar..dher saari daad kabool karen..
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत लगी पोस्ट....शानदार।
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