ये आसमानी रास्ते कुछ ऐसे खो गए हैं,
हम बादलों के साथ-साथ गुम से हो गए हैं !!
चलते थे साथ तेरे जब हमसफ़र ,ओ मेरे !
इन राहों पे चलके कहीं हम तुम खो गए हैं !!
ये जिंदगी की राह भी कुछ इस तरह से गुम है,
न तुम ही वो रहे अब, हम भी न वो रहे हैं !!
क्यूँ कर छुपाई तूने यूँ हकीकत जिंदगी की ,
अब लाख दे हवाला फिर भी न ख़म गए हैं. !!
bahut khubsurat ahsaas
जवाब देंहटाएंबेहद सुन्दर रचना।
जवाब देंहटाएंसमय के साथ बहुत कुछ बदल जाता है ... रास्ते, बादल या फिर हमसफ़र ...
जवाब देंहटाएंkya baat hai......
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर...
जवाब देंहटाएंयही तो जीवन है...
कोई कहीं मिलता है...कोई खो भी जाता है यकायक....
सस्नेह.
जवाब देंहटाएं♥
न तुम ही वो रहे अब ... हम भी न वो रहे हैं
क्या बात है ...
वाह वाह !
बहुत खूबसूरत !
आदरणीया पूनम जी
सुंदर रचना है ...
बधाई ! !
धन्यवाद राजेन्द्र जी......
जवाब देंहटाएंबधाई आपको भी......
साथ ही मेरे सभी मित्रों को भी.....!!
बहुत ही खुबसूरत है ग़ज़ल।
जवाब देंहटाएंअच्छी लगी नज़्म.
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