मेरी डायरी से..
२१-९-२००६
बरौनी रिफायनरी
आज मैं खुश हूँ....
शायद हाँ !
शायद नहीं !
हाँ,इसलिए कि
मैं आज महसूस कर रही हूँ
कि मुझमें हिम्मत है..
कुछ सोचने की..!!
तुमसे अलग,
तुम्हारे बिना...
तुमसे दूर भी रह सकती हूँ !
और नहीं भी....
क्यूँकि अभी भी तुम मेरे साथ हो
मेरे पास,
मेरे भीतर ही,
चाह कर भी तुम्हें
अपने से दूर नहीं कर पा रही हूँ..
सोचती हूँ बार-बार
कोशिश भी करती हूँ हर बार
कि तुम्हें भुला दूं..
लेकिन मैं तुम्हारी तरह नहीं हूँ
हो भी नहीं सकती,
तुम केवल अपने में जीते हो
और मैं तुम्हारे साथ ही !
मेरे मन का हर कोना
तुम्हारे एहसास से गीला है
और अगर उसे किसी ने सुखाया है
तो वो भी तुम ही हो !
हर स्थिति,
हर परिस्थिति में
तुम मेरे साथ ही हो
मैं चाहूँ भी तो
कैसे दूर जाऊं तुमसे !
बताओ.....?????
किसी का साथ सान्त्वना दे जाता है।
जवाब देंहटाएंjo dil ke paas hote hein
जवाब देंहटाएंzameen kee dooriyon se
door nahee hote
unke paas hone kaa ahsaas bhar
badrang zindgee mein bhee
rang bhartaa rahtaa
आह ! यही तो मोहब्बत की पराकाष्ठा है।
जवाब देंहटाएंबिलकुल सही हर कोई एक सा नहीं होता !
जवाब देंहटाएंऔर जो दिल में सदा के लिए हो तो उसे भूलें भी तो कैसे
बहुत सुंदर !
ehsaaso ki khubsurat kahani.....
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया ...साथ होने का अहसास ही बहुत हिम्मत दे जाता है.... फिर दूर जाना कहन मुमकिन...?
जवाब देंहटाएं*कहाँ
जवाब देंहटाएंbahut pyaari rachna..
जवाब देंहटाएंइसी द्वन्द में जीवन निकल जाता है... हमारी मूल प्रकृति नहीं बदलती कभी!
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति!
बरौनी रिफायनरी से याद आया गरहारा रेलवे कॉलोनी के दिन।
जवाब देंहटाएंरचना के भाव मन को छुते हैं।
हुज़ूरे-ए-वाला आप गिरफ्तार-ए -इश्क हैं और खुदा करे ये जज्बा बना रहे.....आमीन|
जवाब देंहटाएंइमरान....
जवाब देंहटाएंलगता है आपने तस्वीर के
नीचे डायरी की तारीख नहीं पढ़ी !
इश्क तो है अब भी ,
लेकिन.....
Poonam ji...
जवाब देंहटाएंTan se door hue ho lekin..
Man se tum ho door nahi...
Wo magroor bhale ho lekin...
Dil se tum majboor rahin...
Ek 'lekin' ne kah daala sab...
Antarman ka tere bhav...
Jeevan path par badhe ho beshak...
Man main chahat dabi kahin...
Ye 'lekin' upar aapke jawab se liya hai...
Sundar bhav...
Deepak Shukla..
bahot sunder bhaw.....
जवाब देंहटाएंमैं चाहूँ तो भी कैसे दूर जाऊँ........
जवाब देंहटाएंवाह! बन्धन का सशक्त बिम्ब, वाह!
जिससे इतने करीब का रिश्ता है उससे दूर जाने की सोचना भी .... बहुत दुष्कर है ये ...
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