कभी इज़हार करता है कभी इनकार करता है..
अजब मेरा सनम ये गलतियाँ सौ बार करता है..!
अजब मेरा सनम ये गलतियाँ सौ बार करता है..!
ये दिल यूँ रूठ बैठा है न जाने क्या कहा उसने...
फ़िक़र मेरी नहीं अब वो हुज़ूरे यार करता है...!
फ़िक़र मेरी नहीं अब वो हुज़ूरे यार करता है...!
मुहब्बत कातिलाना है,वफ़ा उसकी, जफ़ा उसकी...
सितम पर बस सितम ढाये यही दिलदार करता है...!
सितम पर बस सितम ढाये यही दिलदार करता है...!
कोई खामोश रहता है सुहानी रात में भी यूँ...
वही हो यार अपना जो निगाहें चार करता है..!
वही हो यार अपना जो निगाहें चार करता है..!
हमारे दिल में रहता है वो अब तक मुफ़्त में 'पूनम'..
यही उसका किराया है वो हमसे प्यार करता है...!
यही उसका किराया है वो हमसे प्यार करता है...!
बहुत खूब....
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जवाब देंहटाएंकभी इज़हार करता है कभी इनकार करता है
अजब मेरा सनम ये गलतियां सौ बार करता है
वाह वाऽह…!
लाजवाब ग़ज़ल !!