सभी सूरत में अब मुझको, मेरा ईश्वर नज़र आए..!
अजब है रंग होली का, मेरे हमदम न पूछो तुम...
ये दिल करता है बस अब तो, जमाना यूँ ठहर जाए...!!
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सभी पागल हुए हैं यूँ, बुरा है हाल होली में..!
नहीं कोई यहाँ भोला, सभी शातिर खिलाड़ी हैं..
चलेंगे दाँव ऐसा के, मचे भूचाल होली में..!!
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आज सजा है मंच चलो मिल खेलें होली...
खूब पियेंगे भंग चलो मिल खेलें होली....!!
नैनों के है बाण और शब्दों की गोली...
अजब सभी के ढंग चलो मिल खेलें होली...!!
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- "फगुआ फगुआ" गा रहीं, कुछ ना पूछो हाल...!!
- सखियों ने जब रंग दिया, हाल हुए बेहाल...!
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शब्दों के हैं बाण औ, अँखियाँ बनी कटार...
रंगों की बौछार है, मार सके तो मार....!!
- ०५/०३/२०१५
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