कल मूवी हॉल में..
एक बहुत पुराना विज्ञापन देखा
प्रेस्टीज प्रेशर कुकर का ...
सुनते ही कुछ लाइनें मन में
ट्यूब लाईट की तरह जल उठीं....!
शायद आपको भी याद हो....!!
समय और परिस्थिति के साथ
बहुत सी बातों के मायने बदल जाते हैं...!!
"जो बीबी से करते हैं प्यार
वो प्रेस्टिज से कैसे करें इनकार.."
शायद इसीलिए आज तक
तुम प्रेस्टिज नहीं खरीद पाए...!
यूँ तो मेरे बारे में हमेशा ही
झूठ बोला है तुमने सभी से
लेकिन ये एक झूठ...
तुम खुद से भी नहीं बोल पाए...!!
:-)
जवाब देंहटाएंबढ़िया है................
सस्नेह
अनु
तीखा कटाक्ष कहूँ या .... मायूसी ? भावनाओं की गहन अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंमायूसी तो किसी तरह नहीं दिखती संगीता जी...!!
हटाएंवैसे देखने वाले लोग और भी न जाने क्या क्या देखें इन चंद पंक्तियों में...!!!
...:)))
ह्म्म्म.....भई प्रेस्टीज का ध्यान रखना पड़ेगा :-))
जवाब देंहटाएं:))))
हटाएंपहले से खरीद लें....!
आपकी इस उत्कृष्ट प्रस्तुति की चर्चा कल मंगलवार ९/१०/१२ को चर्चाकारा राजेश कुमारी द्वारा चर्चामंच पर की जायेगी
जवाब देंहटाएंप्रेस्टीज के बहाने ही सही .. ठीक रहा .. मेरे ब्लॉग पर आप बहुत दिनों से नहीं आई है
जवाब देंहटाएंअजी कैसे बोले पति विज्ञापनी झूठ .विज्ञापन में तो नारी ऐसे लगती है जैसे सलाद की इंद्रधनुषी प्लेट .सजी संवरी रहती है 24X7 ,और धारावाहिकों में तो गहने और एक से एक साड़ियाँ पहने रहती है .एक से एक बढ़के षड्यंत्र रचती है .डर्टी पिक्चर से सम्बन्ध एक ही परिवार के सभी पुरुष बनाए रहतें हैं .आपके पति आपसे झूठ बोल ही नहीं सकते .रहेंगे कहां जाके .ज़िन्दगी विज्ञापन नहीं है .बढ़िया व्यंजना है .
जवाब देंहटाएंram ram bhai
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यह प्रमाणपत्र तो हमारे पास भी नहीं है..
जवाब देंहटाएंसमझनेवाले समझ गये ....ऍ
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