वादे भी कीजिये ओ मुकर कर के देखिये
जब बात न बने तो बदल कर के देखिये !
माना कि प्रेम पलता नहीं सबके दिलों में
फिर भी किसी को दिल में बसा कर के देखिये !
जब आएगा सैलाब तो सब बह ही जायेगा
धारा को अपनी ओर पलट कर के देखिये !
इस दिल में रह रहा था जो अब तक उधार में
उस को ही खरीदार बना कर के देखिये !
जो ख्वाब तेरे टूट गए.....फिर न जुड़ेंगे....
कुछेक नए ख्वाब संजो कर तो देखिये...!
जन्नत कहीं नहीं है...वो दिल में ही पल रही
कुछ हंसिये खुद भी और हंसा कर के देखिये !
मिलने की अब उम्मीद न करिये रकीब से
आँखों में उसका नूर बसा कर के देखिये...!
kuchh hansiye kuchh hanasiye ... bas yahi to jindagani hai:)
जवाब देंहटाएंबहुत खूब...|
जवाब देंहटाएंवाह पूनम जी...
जवाब देंहटाएंनए ख्वाब संजोये जाएँ......टूटे फिर जुड़ते नहीं...
सुन्दर!!!
सस्नेह
अनु
बहुत खूब..
जवाब देंहटाएंBAHUT SUNDAR ,....HANSA KAR DEKHIYE.SUNDAR
जवाब देंहटाएंsunder pangtiyan....
जवाब देंहटाएंखूब कहा ....भावपूर्ण पंक्तियाँ
जवाब देंहटाएंबहुत खुबसूरत है दी ।
जवाब देंहटाएंवाह!
जवाब देंहटाएंफिर भी किसी को दिल में बसा कर के देखिये ....क्या बात है ..बहुत खूब
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