"प्रेम गली अति साँकरी......"
हाँ....!!
प्रेम की गली ही होती है
जिसमें चलते-चलते
चलने वाला गुम हो जाता है..!
और ज्ञान मार्ग पर चलने वाला
चलता ही जाता है....
किसी मंजिल के इंतज़ार में...
किसी निष्कर्ष को पाने की चाह में...!
फिर भी मार्ग ख़त्म नहीं होता
हाँ ......
गली चलते-चलते कहीं न कहीं
गुम ज़रूर हो जाती है..!!
शायद इसीलिए
ज्ञानियों के इतिहास के पन्नों से
उनको प्रेम करने वालों के
नाम नदारत हैं............!!
गली चलते-चलते कहीं न कहीं
जवाब देंहटाएंगुम ज़रूर हो जाती है..!!
शायद इसीलिए
ज्ञानियों के इतिहास के पन्नों से
उनको प्रेम करने वालों के
नाम नदारत हैं............!!
प्रेम का नाम तो समर्पण है .....खुद को मिटा देना प्रेम की चरम सीमा है ..इसलिए इतिहास के पन्नों से ऐसे नाम नदारद हैं .....!
बहुत ही बढ़िया।
जवाब देंहटाएंसादर
bahut sunder.....
जवाब देंहटाएंएक अलग ही राह है प्रेम की..
जवाब देंहटाएंकभी कभी प्रेम की राह में भी ज्ञान चक्षु खुल जाते हैं.....
जवाब देंहटाएं:-)
sunder ...sarthak rachna
जवाब देंहटाएंसुन्दर और सार्थक पोस्ट है दी ।
जवाब देंहटाएंजो प्रेम का ज्ञान पा जाता है फिर उसे किसी और ज्ञान की जरूरत ही कहाँ ... ज्ञानी तो भटकता है उसकी तलाश में ...
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