तुम्हारे लिए.........
तेरे आने का है इंतज़ार
मैंने तुझको पुकारा भी .
तू है सामने मेरे...
मैंने हाथ बढाया भी ,
पर ए खुदा !
मैंने तुझको पुकारा भी .
तू है सामने मेरे...
मैंने हाथ बढाया भी ,
पर ए खुदा !
मेरी लाख कोशिशों के बावजूद भी..
तू ये फासला न तय कर सका,
बढ़ने दीं तूने ही मुश्किलें....
हमारे दरम्यान ,
और खुद हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा,
फिर भी मेरी कोशिशें जारी हैं
तुझ तक पहुँचने की ,
तू भले ही ना आये मुझ तक
लेकिन..............
एक न एक दिन
मैं ये फासला तय कर ही लूंगी !!!
तू ये फासला न तय कर सका,
बढ़ने दीं तूने ही मुश्किलें....
हमारे दरम्यान ,
और खुद हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा,
फिर भी मेरी कोशिशें जारी हैं
तुझ तक पहुँचने की ,
तू भले ही ना आये मुझ तक
लेकिन..............
एक न एक दिन
मैं ये फासला तय कर ही लूंगी !!!
bahut sundar rachana.
जवाब देंहटाएं....बेह्तरीन पोस्ट
जवाब देंहटाएंकुछ लाइने दिल के बडे करीब से गुज़र गई
बहुत बढ़िया पूनम जी ! बहुत प्यारी रचना ! बधाई !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर..
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