ख्वाब वो तो नहीं जो दिया आपने...
मेरी नींदों से ही तो लिया आपने...!!
मेरी पलकों में था जो छुपा ही हुआ...
बस उसी ख्वाब को था जिया आपने...!!
हम समझते थे जिसको है हमदम मिरा...
वो भरम आ के तोड़ा मियां आपने...!!
थे बचाए हुए आँधियों से जिसे...
अब बुझा ही दिया वो दिया आपने...!!
दिल की चादर फटी की फटी रह गयी...
उसको अब तक मियां न सिया आपने...!!
रात पूनम की फिर से अमावस हुई...
कर दिया मेरा खाली हिया आपने....!!
***पूनम***
१०/०४/२०१४
बस उसी ख्वाब को जिया आपने...बहुत सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति...
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