कभी-कभी-
जीवन में.....
कितनी सहजता से
मुक्ति मिल जाती है
हर चीज़ से...
कि आप कल्पना नहीं कर सकते है,
जब तक-
आप किसी चीज़ को पकड़ कर
रखने कि कोशिश करते हैं,
तभी तक उसके छूटने पर
आपको दर्द और दुःख का
एहसास होता है.
जब हाथ ही खुला हो
तो छूटने का या--
छोड़ने का दर्द नहीं होता..
हथेली पर,
और उसके एहसास को
आप हमेशा महसूस कर सकते हैं !!
बंद मुट्ठी
खुलने पर तनाव का
एहसास दिलाती है !!
फिर बात हथेली की हो
या दिल की...............!!!
वाह ! पकड़ने दौड़ो तो ख़ुशी की चिड़िया हाथ नहीं आती..न पकड़ों तो आके हथेली पे बैठ जाती है..
जवाब देंहटाएंsahi kaha di
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर भावमयी रचना.
जवाब देंहटाएं!!
जवाब देंहटाएंक्यों मन में उतराये डर के,
जवाब देंहटाएंआने दो उसको, आने दो।
sundar
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