Text selection Lock by Hindi Blog Tips

शनिवार, 16 मार्च 2013

बीती रात का प्रलाप.....









तेरे बिन मैं कुछ नहीं...तू मेरे बिन कुछ भी नहीं..
साथ हो कर दूर हूँ मैं.....दूर रह कर कुछ नहीं...!

मुश्किलें आयीं कभी तो हाथ यूँ पकड़ा तेरा..
ये सहारा न रहा....मेरा सहारा कुछ नहीं...!

मेरे दामन में तेरी सांसें महक उठती थीं जब..
दूसरी खुशबू मुझे महसूस होती थी नहीं...!

बेमुरव्वत हो के जब नज़रें पलट जाएँ तेरी..
सोच लेना जिंदगी के तेरे दिन बचते नहीं...!

मैं तो जी लूंगी जुदा हो करके तुझसे ऐ सनम
तू मगर सह पायेगा गम इस जुदाई का नहीं...!

दे सके तो साथ दे देना मेरा सारी उमर..
टूटता हो हौसला अब गम मुझे इसका नहीं...!





4 टिप्‍पणियां: