न जाने कितने ख्वाब..
कुछ पूरे ..
कुछ अधूरे...
तैरते रहते हैं इन आँखों में..!
हर सपने की एक ही चाहत..
काश कि पूरा हो जाये...!
हर ख्वाब की एक ही हसरत...
काश कि हकीकत में तब्दील हो जाये...!
ये जिंदगी...
हकीकत में ख्वाबों की ताबीर भले ही हो..
फिर भी जिंदगी के रंग हैं ये...
इन सपनों से ही है जिंदगी...!
कुछ ऐसे ख्वाब...
जो रोज देखे जाते हैं....
कुछ ऐसे स्वप्न...
जो कभी पूरे ही नहीं हो पाते हैं...!
फिर भी हम करते हैं इंतज़ार इनका..
क्यूँ कि ये होते ही हैं...
बस देखने के लिए...!!
तभी तो कहा है किसी ने...
"कल के सपने आज भी आना..."
सपने तो सपने होते हैं ,नींद टूटी सपने भी गायब new postकोल्हू के बैल
जवाब देंहटाएंजो पूरे होने होते हैं, वे रह रहकर आते हैं।
जवाब देंहटाएंख्वाबों का अस्तित्व ही पूरा न होने में है....
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना...
अनु
जो ख्वाब पूरे न हो उन्हें अधूरे छोड़ना ही बेहतर | बहुत सुन्दर रचना | आभार
जवाब देंहटाएंकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
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sunder rachna
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया ...हाँ, ये भी सच है
जवाब देंहटाएंwaah..waah..bas yahi nikal raha hai..bahut bhhavpoorn rachna..dil ko chu gayi bilkul.
जवाब देंहटाएंबेहतरीन
जवाब देंहटाएंसादर
हजारों ख्वाहिशें ऐसी...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंकल के सपने आज भी आना .............बेमिसाल .........
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सपने है :-)
जवाब देंहटाएंस्वप्न अच्छे हैं संभावनाओं के द्वार तक ले जाते हैं
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