बहुत खामोश लम्हे हैं......मगर कुछ बात होती है
कभी कहती अदा कुछ है....कभी नज़रों से होती है !
वो तुझसे यूं ही मिल
जाना...औ फिर मिल कर बिछ्ड जाना
वो अश्कों का मचल जाना.........घड़ी मुश्किल वो होती है !
तेरे आने की देता है...........खबर झोंका हवा का जब
महकते दिन मेरे और......... मुसकुराती रात होती है !
तेरा कुछ यूं ही कह
देना.....और फिर खामोश हो जाना
मेरा यूं ही समझ जाना..........खूबसूरत बात होती है !
तेरे शाने पे रख कर
सिर.........मुझे जब नींद आ जाए
कभी हम साथ होते तो........... कयामत साथ होती है !
साथ हों तो क़यामत????
जवाब देंहटाएंये हुई ना सच्ची मोहब्ब्त..................
unke aane ki khabar ho rahi hai....
जवाब देंहटाएंsitaron ab to zameen pe tum bhi utar aao...
Poonam ji bahut khoob....
बहुत खूब.....
हटाएंशुक्रिया....!
साथ हैं तो कयामत है, साथ नहीं तो कमायत का इन्तजार..
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा ..... मन की पीड़ा लिए पंक्तियाँ
जवाब देंहटाएं"तेरा कुछ यूँ ही कह देना,और फ़िर खामोश हो जाना...."
जवाब देंहटाएंवाह! कमाल के जज़्बात और कमाल की अदायगी।
वाह!कमाल का अन्दाज़-ए-बयाँ। वाह।
सुन्दर पंक्तियाँ
जवाब देंहटाएंज्ञान दर्पण
बहुत ही बढ़िया
जवाब देंहटाएंसादर
खामोशी बहुत कुछ कह जाती है ।
जवाब देंहटाएंजबरदस्त ....भाव |
जवाब देंहटाएंwah.....behad khoosurat.
जवाब देंहटाएंउनका यूं ही कहना .. खुद का यूं ही समझ जाना ... सच में ये बात मुहब्बत भी तो होती है ... जो खूबसूरत ही होती है ..
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना...
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत अहसास संजोती प्रस्तुति .....सुन्दर !
जवाब देंहटाएंकविता की प्रत्येक पंक्ति में अत्यंत सुंदर भाव हैं.... !!
जवाब देंहटाएंसुभानाल्लाह.....अब तो ग़ज़ल में भी अछे हाथ दिखाने लगी हो दीदी :-))
जवाब देंहटाएंभाई.....
हटाएंतुम्हारा असर है....!!
hum kis kabil hain di :-)
हटाएंबहूत हि बेहतरीन
जवाब देंहटाएंलाजवाब गजल...
:-)