उसने कहा था...
यह जिन्दगी एक रंगमंच है,
यहाँ हर इंसान,हर रिश्ता
हर अनुभूति और हर संवेदना
एक छलावा है,एक दिखावा है !
जीना है सुख से तो
बस,प्रैक्टिकल बन जाओ,
मेरे साथ रहती हो तो
सारे एहसासों को ताख पर रखो
अरे,कुछ तो मुझसे सीखो !
देखो,मैं कैसे हर सम्बन्ध
हर रिश्ते और एहसास से मुक्त हूँ !
मैं खुद नहीं फंसता हूँ,
बस अपना काम करता हूँ.
प्रैक्टिकल हूँ....
इसीलिए हर इमोशन से दूर रहता हूँ !!
तुम भी जिन्दगी के इस रंगमंच पर
जब नाटक करना सीख जाओगी
तो भावनाओं के इस कष्ट से
सहज ही मुक्ति पा जाओगी !
फिर जीना होगा कितना आसान
न कोई बंधन,न होगी तुम परेशान !!
और फिर उसी के साथ
मैंने भी उसी की तरह
जीना सीख लिया है !
एक तरह से....
कई एहसासों और ज़ज्बातों से
धीरे-धीरे किनारा कर लिया !!
फिर भी.....
कहीं भीतर
कुछ ज़ज्बात,कुछ एहसास
अभी भी जिंदा हैं...
जो नितांत मेरी धरोहर हैं......!!
सच कहा कुछ अहसास कभी नही मरते।
जवाब देंहटाएंकविता भी धरोहर हो गई... सुन्दर
जवाब देंहटाएंअन्तः को प्यार चाहिये, अंधकार नहीं।
जवाब देंहटाएंबहुत भावपूर्ण...कुछ अहसास उम्र भर पीछा नहीं छोडते..यही जीवन है..
जवाब देंहटाएंक्या कहूँ पूनम जी .......लफ्ज़ नहीं हैं मेरे पास.........बस यूँ समझ लीजिये मेरी भी यही कहानी है.........बहुत कोशिश करता हूँ की इस पत्थर शहर में पत्थर का बन जाऊं .......पर अन्दर कहीं कुछ है जो ऐसा नहीं कर पाता.....कई बार पता होता है की सामने वाला आपके जज़्बात नहीं समझता.....पर इस दिल का क्या किया जाये जो सिर्फ मुहब्बत करना ही जनता है...........बहुत ही खूबसूरत पोस्ट.........हैट्स ऑफ मेरी तरफ से इसके लिए|
जवाब देंहटाएंसच है....अहसास तो कभी नहीं मरते ..... बहुत उम्दा रचना
जवाब देंहटाएंbehad bhavpoorn rachna..ehsas hi to jeevan ki dhadkan hai.
जवाब देंहटाएंawesome...aap ne jase man ki baat kah di...
जवाब देंहटाएंye jindgi ek rang manch hi hai,,,
जवाब देंहटाएंjai hind jai bharat
धरोहर के हम धनी होते हैं..
जवाब देंहटाएंपूनम जी,
जवाब देंहटाएंदिल से निकली हुई नज़्म.
one of your best .
बाकी सब तो इमरान भाई ने कह दिया है.
मुर्दों की बस्ती में ज़िंदा होने का अहसास ही हम रचनाकारों की धरोहर है.
बहुत ही अच्छी भावपूर्ण रचना,बधाई!
जवाब देंहटाएंआप सभी का ह्रदय से धन्यवाद....!!
जवाब देंहटाएंदो तीन महीनों बाद पढ़ रहा हूँ आपको ...आप में तो गज़ब का बदलाव आया है इस बीच .... बहुत ही सुंदर सहेज लिया है आपने यादों को भी और जी भी रहे हैं जीवन को वाह !!
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