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मंगलवार, 19 अप्रैल 2011

हम.....




हमारे पास बहुत कुछ है
पर जो भी है
सब दूसरों के लिए !
सब दूसरों को
दिखाने,सुनाने,सिखाने
और समझाने के लिए !
और उनसे भी
हम तैयार रहते है
सुनने-समझने के लिए !
अपने लिए हम
कुछ भी नहीं करते !
क्योंकि...
अपने तक आते-आते
हमारे विचार
संकुचित हो जाते हैं  
कुछ बचाते  ही नहीं...
हम अपने लिए !
सब जाना-बूझा,
सुना-सुनाया
और समझा हुआ
क्योंकि...
वह सब हम  
रोज़ ही
सुनते-सुनाते रहते हैं
दूसरे हम से सीख कर,
समझ कर
खुश हो जाते हैं
और हम...
दूसरों को देख कर
खुश होते रहते हैं !
लेकिन...
हम अपनी ही बात को
अपने लिए अमल नहीं करते
क्योंकि..
अपनी बात के साथ
हमारे ही एहसास नहीं जुड़ते
और जहाँ एहसास न जुड़ें...
वहां कुछ  नहीं !
कुछ भी तो नहीं !!


17 टिप्‍पणियां:

  1. जो अपनी बात पर अमल करता है,और अपनी बात के एहसास से जुड़ता भी है,और वह बात जिससे वह जुडता है वह हितकारी और मंगलकारी भी हो ,तो उसकी बातें सभी के दिल को छूती हैं व उसके साथ चलने का मन सहज ही करने लगता है.महापुरुषों का जीवन चरित्र इसीलिए तो अनुकरणीय होता है.वर्ना तो
    पर उपदेश कुशल बहुतेरे,जे आचरहीं ते नर न घनेरे

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  2. क्योंकि..
    अपनी बात के साथ
    हमारे ही एहसास नहीं जुड़ते
    और जहाँ एहसास न जुड़ें...
    वहां कुछ नहीं !
    कुछ भी तो नहीं !!

    सटीक ....ज्यादातर पर उपदेश कुशल बहुतेरे को ही चरितार्थ करते हैं ...

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  3. हर शब्‍द में गहराई, बहुत ही बेहतरीन प्रस्‍तुति ।
    आपका प्रस्तुतीकरण भी बहुत अच्छा है |रचना के साथ चित्रकला का ,सुंदर रंगों का प्रयोग ,चार चाँद लगा देता है |

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  4. bahut accha punam ji...apne sath jurna bhi ek kala hai...jo khud se jurta hai wahi jarta se duur hota hai...

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  5. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  6. आज आपकी बहुंत सी रचनाएँ पढ़ी. सब की सब बहूत सुन्दर. आप की रचनाओं के शब्द कभी किसी से बेहद नाराज लगे और कभी उसीके प्रेम से सराबोर, कभी उसे "बस यूँ ही " के सृजन के लिए धन्यवाद देते से लगे तो कभी "बस यूँ ही " का कारण बनने के लिए कोसते से.....मेरे लिए कविता से रोचक कविताओ के संग्रह को समझना होता है...मन के सारे रंगों को जान कर हर एक रंग को समझ पाना ज्यादा आसान होता है और रोचक भी....

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  7. बहुत गहरी सच्चाई है इस पोस्ट में.......बहुत ही शानदार लगी ये पोस्ट.....प्रशंसनीय|

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  8. बहुत सुंदर ...गहन अभिव्यक्ति जो सच्चे और अच्छे भाव लिए है....

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  9. अच्छे है आपके विचार, ओरो के ब्लॉग को follow करके या कमेन्ट देकर उनका होसला बढाए ....

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  10. बहुत ही गहन अभिव्यक्ति.
    अध्यात्मिक ज्ञान से सराबोर.
    खुद से जुड़ गए तो सब पा लिया.
    अपने से जुड़ गए तो रब पा लिया.
    खूबसूरत प्रस्तुति.
    आभार.

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  11. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति..

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