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रविवार, 19 अगस्त 2018

बात दिल की सुना गया कोई...



बात दिल की सुना गया कोई...
आस फिर से जगा गया कोई...!

राज़ अब तक छुपाये बैठे थे...
आज सबको बता गया कोई...!

राबिता कुछ न कुछ तो होगा ही...
सारे रिश्ते निभा गया कोई...!

इक नदी मुद्दतों से सूखी थी...
चन्द कतरे बहा गया कोई...!

ज़िन्दगी की उदास राहों में...
ख़्वाब रंगीं सजा गया कोई...!

कुछ तो है रूठने मनाने में...
शबनमी गुल खिला गया कोई...!

रात 'पूनम' की दिल ने दस्तक दी..
बन के मेहमान आ गया कोई..!

***पूनम***


12 टिप्‍पणियां:

  1. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, परमात्मा को धोखा कैसे दोगे ? - ओशो “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  2. आपकी लिखी रचना आज "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 22 अगस्त 2018 को साझा की गई है......... http://halchalwith5links.blogspot.in/ पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!



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  3. बहुत सुंदर और जज़्बाती ग़ज़ल पड़कर मज़ा आ गया।धन्यवाद।

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  4. प्रेम के इस असर को प्रकृति बाखूबी समझती है और उसी के प्रतीक बेहतर तरीके इस इसे बयां भी कर सकते हैं ...
    लाजवाब शेर हैं सभी ...

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  5. बढ़िया है सारे शेर...बहुत सुंदर रचना..👌👌

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  6. बहुत उम्दा हर शेर सहज और सटीक ।

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  7. रात 'पूनम' की दिल ने दस्तक दी..
    बन के मेहमान आ गया कोई..!
    बहुत सुंदर

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