Text selection Lock by Hindi Blog Tips

शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2014

आप जब से हमें नसीब हुए...



आप जब से हमें नसीब हुए...
जानशीं दोस्त कुछ रक़ीब हुए...!!

वस्ल था जब तलक फ़िजा महकी...
हिज़्र में हालत क्यूँ अजीब हुए...!!

दिन में रौशन हुए हैं मयखाने...
गम के प्याले मेरे हबीब हुए...!!

हुस्न को बेनकाब जब देखा...
नासमझ भी सभी अदीब हुए..!!

रात  पूनम की और नींद नहीं,
खुशनुमा पल भी अब सलीब हुए...!!


***पूनम***


3 टिप्‍पणियां: