आप जब से हमें नसीब हुए...
जानशीं दोस्त कुछ रक़ीब हुए...!!
वस्ल था जब तलक फ़िजा महकी...
हिज़्र में हालत क्यूँ अजीब हुए...!!
दिन में रौशन हुए हैं मयखाने...
गम के प्याले मेरे हबीब हुए...!!
हुस्न को बेनकाब जब देखा...
नासमझ भी सभी अदीब हुए..!!
रात पूनम की और नींद नहीं,
खुशनुमा पल भी अब सलीब हुए...!!
***पूनम***
वाह, बहुत ख़ूब
जवाब देंहटाएंकोमल भावो की अभिवयक्ति......
जवाब देंहटाएंकल 16/02/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद !