कौन हो तुम.....
एक नाम..
एक आवाज़..
एक एहसास..
एक पहचान..
एक अपना..
एक अनजान..
एक रूह..
एक शरीर..
या इससे भी अलग..
कुछ और...कुछ और...??
जितने लोग...
उतनी पहचान...
और उस पहचान से भी परे...
एक खुशबू...
एक रौशनी...
या हवा.......!!
और फिर भी पता नहीं
क्या हो तुम.....!!!!
***पूनम***
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, " नो प्लेस फॉर मूत्र विसर्जन इन दिस कंट्री " , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" रविवार 17 अप्रैल 2016 को लिंक की जाएगी............... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंशुक्रिया यशोदा जी
हटाएंबहुत सुंदर ...
जवाब देंहटाएंशुक्रिया कविता जी....
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