आप जब से करीब आये हैं... गीत इस दिल ने गुनगुनाये हैं...!! जिंदगी मेरी इस तरह महकी... आप ने फूल यूँ बिछाए हैं...!! आप नज़रों में इस तरह उतरे... जैसे तारे से झिलमिलाये हैं...!! चाँद बादल में छुप गया ऐसे... आप खुल कर जो मुस्कुराये हैं...!! आप की जुस्तजू में तड़पे है... दिल को राहों में हम बिछाए हैं....!!
जब से हुआ निकाह हमारा न पूछिए... बेहाल है ये हाल हमारा न पूछिए...!! तारीफ भी करे वो तो लगती उन्हें है तंज... जीना हुआ मुहाल खुदारा न पूछिए...!! जब उनकी मुस्कुराहटों पे हम हुए निसार... फरमाइशों का खोला पिटारा न पूछिए... अब देखती नहीं है पड़ोसन कभी उन्हें... छुप छुप किया था कितना इशारा न पूछिए...!! 'पूनम' की रात और छत पे चाँद आ गया... पर उनके सर पे किसने उतारा न पूछिए...!!