चले आ रहे हैं खरामा खरामा
वो अपनी नज़र को झुकाए झुकाए...!
नहीं हमने देखी कभी ऐसी शोखी..
है गिरती नजर से झुकाए झुकाए...!
कभी छोड़ देते हैं दिल पर निशानी
परेशां भी खुद किस तरह से मिटाए...!
वो बैठे हैं महफ़िल में कर के किनारा..
खुदारा कोई उनको न देख पाए...!
बहुत ही बढ़िया
जवाब देंहटाएंआपको सपरिवार विजय दशमी की हार्दिक शुभ कामनाएँ।
सादर
बहुत सुन्दर ...नवरात्रि की शुभकामनाएँ ..
जवाब देंहटाएंवाह, बेहतरीन
जवाब देंहटाएंye Khrama kya hota hai?
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