Text selection Lock by Hindi Blog Tips

गुरुवार, 4 अप्रैल 2013

शब्द और भाव.....





तुम्हारे पास शब्द बहुत हैं...
और मेरे पास भाव...!
तुम्हारे शब्दों... 
और मेरे भावों में..
बस आपसी समझदारी का अभाव है...!
तुम शब्दों में जो समझाना चाहते हो...
मेरे भाव उसे समझने से इंकार करते हैं...!
और मेरे भावों को समझने से 
तुम सरासर मुकर जाते हो...!
इस जद्दोज़हद में..
अक्सर शब्द अपने मायने खो देते हैं....!
और भाव.....
भाव तो वैसे ही पिछड़े रहते हैं...
क्यूँ कि उनके पास अपने शब्द नहीं है.....!!



5 टिप्‍पणियां:

  1. अजीब उलझन है
    मैं , मैं मिल हम बने तो
    कविता पूर्ण हो क्यूँ कि
    शब्द और भाव मिल कर ही
    तो उम्दा रचना रचेगी न ....

    जवाब देंहटाएं
  2. वाह, सुंदर कविता, पर मुझे लगता है भाव पिछड़े हुए से लगते हों पर पिछड़े नहीं हैं..नहीं हैं वे शब्दों के मुहताज..वे तो कब चुपके से दिल को छू जाते हैं पता ही नहीं चलता..हाँ, कोई पत्थर दिल हो तो..

    जवाब देंहटाएं
  3. भाव बिन शब्द इक शरीर है बस
    कुछ न कर पाएगा रहा बेबस
    ��

    जवाब देंहटाएं