Text selection Lock by Hindi Blog Tips

रविवार, 23 जनवरी 2011

पहचान....

 

फासलों से गुज़रा है वो चाहा जिसे हमने बहुत !
नक्श क़दमों के लिए हम दिल पे ही बैठे रहे !!
आज है वो दिन कि तन्हाई बनी  हमराज अपनी !
इस तरह ये फासला हमने सुहाना कर लिया !!!

अब सफ़र है और मैं हूँ तू भी है हर वक़्त साथ !
और खामोशी है कुछ जिससे है दामन भर लिया !! 
मेरे दामन में खिली ऐसी बहार--वस्ले यार !
तुझको तुझसे ही चुरा कर मैंने अपना कर लिया !!

गर जो तू भी गया मेरे कभी दिल के करीब !
तू पहचानेगा मुझको इस तरह पर्दा किया !! 
है नहीं बस में तेरे खुद को समझाना मेरे यार !!
कैसे समझेगा मुझे खुद से जुदा जब कर दिया !!


21 टिप्‍पणियां:

  1. हर लफ्ज़ में जैसे कोई दर्द बयाँ होता है ..बहुत खूब

    जवाब देंहटाएं
  2. दर्द ही दर्द है………मार्मिक अभिव्यक्ति।

    जवाब देंहटाएं
  3. सुंदर भावाभिव्यक्ति के लिए आभार

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत ही बढ़िया अभिव्यक्ति है.आप की कलम को सलाम. मेरे ब्लाग पर पधारने और बहुमूल्य टिप्पणी के शुक्रिया.हम सब अपने लिए ही लिखते हैं.मेरी कवितायें मेरी आत्म स्वीकृती है. मुझे पहचानने के लिए आप का तहेदिल से शुक्रिया.आप ने खुद को भी पहचान लिया है.फिर से शुक्रिया.मैंने आप की कविता नि:शब्द पढी. मेरी ज़ात के बहुत करीब है आप की कविता. खुदा ने चाहा तो हम इस पहचान को आगे बढ़ायेंगे .

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुन्दर ......कमाल की पंक्तियाँ.....
    पहली बार आया यहाँ अच्छा लगा.....

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत दिल से लिखती हैं आप.
    तीनों रचनाएँ बहुत सुन्दर हैं.

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत ही सुन्‍दर भावमय करते शब्‍द ...बेहतरीन अभिव्‍यक्ति ।

    जवाब देंहटाएं
  8. पूनम जी, अच्‍छा लगा आपके सृजन संसार से गुजरना।

    -------
    क्‍या आपको मालूम है कि हिन्‍दी के सर्वाधिक चर्चित ब्‍लॉग कौन से हैं?

    जवाब देंहटाएं
  9. आदरणीय पूनम जी
    नमस्कार !
    तीनों रचनाएँ बहुत सुन्दर हैं.
    ..........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती
    आप बहुत अच्छा लिखतें हैं...वाकई.... आशा हैं आपसे बहुत कुछ सीखने को मिलेगा....!!

    जवाब देंहटाएं
  10. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  11. आप सभी का बहुत-बहुत शुक्रिया....!!!!

    जवाब देंहटाएं
  12. waah...waah..बहुत खूब
    हर लफ्ज़ में दर्द बयाँ होता है
    bahut dil se aur bahut doob ke likha hai
    dil ko chhoo gaya

    aabhaar

    जवाब देंहटाएं
  13. पूनम जी
    एक नजर में कविता को समझना मुश्किल है ..इस कविता के भाव को गहराई से समझना अति आवश्यक है ..पूरी कविता में आध्यात्म का समावेश है ,,और अंतिम पंक्तियाँ कविता कि चरम परिणति हैं ...आपका आभार इस सुंदर सी कविता के लिए

    जवाब देंहटाएं
  14. पूनम जी,
    एक सुन्दर और भावपूर्ण रचना लिखने के लिये बधाई स्वीकारे ।

    जवाब देंहटाएं
  15. अच्छी रचना
    इस बार मेरे ब्लॉग में क्या श्रीनगर में तिरंगा राष्ट्र का अहित कर सकता है

    जवाब देंहटाएं