सोमवार, 25 फ़रवरी 2013

प्रेम.....




प्यार जब होता है तो....
कुछ कहाँ दीखता है...
मीरा के भजन,
ग़ालिब के शेर,
गुलज़ार की रोमानी नज्में....
अख्तर के जादुई कलाम....
लता,रफ़ी और मुकेश की दिलकश आवाज़..
सब खुद में ही दिखाई और सुनाई देने लगते हैं..!
हर वो आवाज अपनी लगने लगती है..
जो प्रेम के गीत गाती है...
हर वो आवाज़ अपनी ही लगती है..
जो दर्द के सुर में गाती है....
प्रेम ऐसा होता है...
प्रेम वैसा होता है...

फिर भी प्रेम कैसा होता है....??
बड़ा मुश्किल हो जाता है बताना...
जब इंसान हर वक्त प्रेम में ही होता है...!!




8 टिप्‍पणियां:

  1. प्रेम मन में होता है, उसे बस व्यक्त करने का साहस भर हो।

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  2. एक चीज है दिल, प्रेम शायद उसमे मिल जाय
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  4. waah...kamaal ki rachna..bahut sundar prastuti...bahut bahut badhai

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