शुक्रवार, 22 फ़रवरी 2013

एक एहसास......







मोहब्बत...
कब स्पर्श की मोहताज़ रही है.....!!
सही कहा है किसी ने....!
जहाँ बिना छुए ही...
किसी को महसूस किया जा सके...
जहाँ बिना बोले ही... 
किसी को सुना जा सके...
जहाँ न हो कर भी...
कोई हर वक्त साथ हो...
जहाँ बिन कहे ही 
सब बात हो.... 
वहीं है प्रेम,प्यार,मोहब्बत....
या फिर कुछ और....!!
जो भी कहना चाहें कह ले आप...!!
ये वो एहसास है...
जिसे शब्दों में 
बयाँ नहीं किया जा सकता है...!!!
अमूमन दीवार खिंची ही रहती है 
हम सबके दरमियाँ...
और दीवार खींचने वाले भी 
हम ही होते हैं !!
वर्ना ये है बहुत खुबसूरत अहसास
जी सकें तो जी लें..
इसी जिंदगी में...!!!



9 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर....
    छोटी सी ज़िन्दगी.....दीवारें बड़ी खडीं....
    जाने क्यूँ???
    अनु

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  2. आनन्दमय अनुभव तो मन के स्तर पर होता है।

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  3. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  4. कल २४/०२/२०१३ को आपकी यह पोस्ट Bulletin of Blog पर लिंक की गयी हैं | आपके सुझावों का स्वागत है | धन्यवाद!

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