शुक्रवार, 14 जनवरी 2011

निःशब्द .........






कोई ज़रूरी नहीं कि 
हर समय कुछ कहा ही जाए !!
हम क्या सोचते हैं?
क्या कहते हैं?
हमारे मन में क्या चल रहा है?
हम जानते हुए भी
अनजाने से हैं सबसे !!
तभी तो जिस पल में
एक-दूसरे को 
मन से-
भावनाओं से-
महसूस करना चाहिए...
हम उस अनुभूति को
हल्का कर देते हैं,  
कुछ भी ऐसे ही बोल कर!!
सारे शब्द...
बेमानी से हो जाते हैं
ऐसे समय में.
क्यों कि-
भावनाओं के,
अनुभूति के,
और विचारों के स्तर पर
हम अलग-अलग हैं..
फिर-
ये शब्द बीच में
मन को
जोड़ने का काम नहीं कर पाते...
उस समय 
ये सारे शब्द बेचारे से लगते हैं..
जो कहते तो कुछ हैं
पर महसूस कुछ और ही कराते हैं.
मन एक हों तो-
इन शब्दों का 
हमारे बीच कोई काम नहीं है.
इन शब्दों के घेरे में-
फंसने से घुटन होती है
कहीं तुम्हारे भीतर  
और मेरे भीतर भी...
क्योंकि तुम जो महसूस कर रहे  हो-
कह नहीं पा रहे हो,
और जो मैं सुन रही हूँ  
वह महसूस नहीं कर पा रही हूँ !!!   

9 टिप्‍पणियां:

  1. मैं क्या बोलूँ अब....अपने निःशब्द कर दिया है..... बहुत ही सुंदर कविता.

    जवाब देंहटाएं
  2. आपको और आपके परिवार को मकर संक्रांति के पर्व की ढेरों शुभकामनाएँ !

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत ही सुंदर कविता| आपको और आपके परिवार को मकर संक्रांति के पर्व की ढेरों शुभकामनाएँ|

    जवाब देंहटाएं
  4. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  5. संजय जी !!

    आपको भी मकर संक्रांति की शुभ-कामनाएं...

    मेरे नि:शब्द को पढ़ने के लिए धन्यवाद...

    जवाब देंहटाएं
  6. क्योंकि तुम जो महसूस कर रहे हो-
    कह नहीं पा रहे हो,
    और जो मैं सुन रही हूँ
    वह महसूस नहीं कर पा रही हूँ !!!
    bahut zyada achchi lagi aapki kavita.

    जवाब देंहटाएं
  7. मन एक हों तो-
    इन शब्दों का
    हमारे बीच कोई काम नहीं है.
    इन शब्दों के घेरे में-
    फंसने से घुटन होती है
    कहीं तुम्हारे भीतर
    और मेरे भीतर भी...
    क्योंकि तुम जो महसूस कर रहे हो-
    कह नहीं पा रहे हो,
    और जो मैं सुन रही हूँ
    वह महसूस नहीं कर पा रही हूँ !!!

    हृदयस्पर्शी पंक्तियाँ पूनमजी ...... सुंदर रचना

    जवाब देंहटाएं
  8. आप सच मै बहुत खुबसूरत लिखती हैं दोस्त और ये सब आपके अपने एहसास ही बयां कर रहें हैं क्युकी जब दिल से कोई बात कहता है वो हमेशा खुबसूरत होती है ! आप एक अच्छी लेखिका हैं क्युकी आपकी रचना पढ़कर बहुत खुबसूरत सा एहसास होता है !

    बहुत सुन्दर एहसासों से भरी रचना !

    जवाब देंहटाएं
  9. Bahut hi sunder abhivyakti.......
    blog p aane ka bahut bahut shkriya aapka

    जवाब देंहटाएं