मुझको जब से मुहब्बत हुई... इस जहां से अदावत हुई...! इश्क़ को जब खुदा कर लिया... ज़िन्दगी इक इबादत हुई...! आपने जब दुआ दी मुझे... ठीक मेरी तबीयत हुई...! चाँद आगोश में आ गया... आज पूरी ये मन्नत हुई...! मुस्कुरा कर हमें देखना... या खुदा, ये हिमाकत हुई....! साँस थम सी गयी थी मेरी... आप आये तो हरकत हुई...! रात 'पूनम' अकेली नहीं... चाँदनी की इनायत हुई...! ***पूनम***
दिल में दर्द छुपाना कैसा...? जख्मों को दिखलाना कैसा...? आँसू जब आँखों में आएँ... नीचे नज़र झुकाना कैसा...? इश्क़ किया है, दिल है हारा... फिर पीछे पछताना कैसा..? शम्मा ने पूछा चुपके से... "परवाने जल जाना कैसा...?" मंजिल तो मिल ही जायेगी... राही यूँ घबराना कैसा...? रस्ता कहाँ, कहाँ है जाना... बिन पूछे बतलाना कैसा...? रात अँधेरी नींद नदारत... 'पूनम' ख्वाब सजाना कैसा...? ***पूनम***
रविवार, 26 मार्च 2017
जादू की है ये दुनिया दस्तूर हैं बदलते... तुम हमसे नहीं मिलते हम तुमसे नहीं मिलते...! ये इश्क़ मुहब्बत की बातें भी अजब होतीं... चाँदी से भरी रातें साँसों में फूल खिलते...! आहिस्ता करो बातें सुन ले न जमाना ये.... ख्वाबों में चले आना शब चाँद के निकलते...! दुनिया बड़ी जालिम है मुँह मोड़ के हँसती है... जब शम्मा दिखी रौशन परवाने दिखे जलते...! आना तो कभी 'पूनम' इन महकी फिजाओं में... यूँ तो हैं किताबों में लाखों गुलाब खिलते...!
***पूनम*** 26 मार्च, 2016
शुक्रवार, 27 जनवरी 2017
हमारे ख्वाब में आना किसी का ख़ास रहता है..! जो रहता दूर हम से शख्स वो ही पास रहता है..! कहीं हम छोड़ आये थे हसीं पल जिंदगी के यूँ... बिछड़ के भी न जाने क्यूँ सदा मधुमास रहता है...! किसी की याद में खोना..किसी को हिज़्र में पाना... कहूँ क्या..हर समय उसका ही बस आभास रहता है...! बहुत दुनिया की रस्में हम निभाते आये हैं अब तक... कभी तो मन की कर लें ये भी तो एहसास रहता है...! किसी का लौट जाना भी भरम देता है 'पूनम' को... कहीं भी जा रहे वो ज़िन्दगी की आस रहता है...! ***पूनम***
बुधवार, 11 जनवरी 2017
मुश्किलें ही मुश्किलें हैं...ग़म नहीं... ज़िन्दगी में फिर भी खुशियाँ कम नहीं...! तीरगी यूँ तो बहुत है राह में... साथ मायूसी का पर आलम नहीं...! दर्द मेरे दिल को रौशन कर गया... याद तेरी साथ, तू हमदम नहीं...! नाम को हैं साथ सब रिश्ते यहाँ... दे रहे हैं साथ पर दमख़म नहीं...! महफिलें गर हैं तो क्यूँ वीरानगी... साथ तो सब हैं मगर 'पूनम' नहीं...! ***पूनम***