सामने वो नज़र मिलाते हैं...
और आँखों में मुस्कुराते हैं...!
और आँखों में मुस्कुराते हैं...!
चाँदनी की सफेद चादर पर..
ख्वाब तारों से झिलमिलाते हैं...!
ख्वाब तारों से झिलमिलाते हैं...!
बाद मुद्दत के ये घड़ी आई...
प्रीत का गीत हम सुनाते हैं.....!
प्रीत का गीत हम सुनाते हैं.....!
आप मेहमां हुए हैं इस दिल में...
हम झुका कर नज़र बताते हैं...!
हम झुका कर नज़र बताते हैं...!
जान बेजान सी हुई जाती...
बिन पिए हम यूँ लड़खड़ाते हैं...!
बिन पिए हम यूँ लड़खड़ाते हैं...!
गीत बन जाऊँ या गज़ल 'पूनम'...
वो अकेले में गुनगुनाते हैं...!
वो अकेले में गुनगुनाते हैं...!
***पूनम***