बुधवार, 11 जनवरी 2017



मुश्किलें ही मुश्किलें हैं...ग़म नहीं...
ज़िन्दगी में फिर भी खुशियाँ कम नहीं...!

तीरगी यूँ तो बहुत है राह में...
साथ मायूसी का पर आलम नहीं...!

दर्द मेरे दिल को रौशन कर गया...
याद तेरी साथ, तू हमदम नहीं...!

नाम को हैं साथ सब रिश्ते यहाँ...
दे रहे हैं साथ पर दमख़म नहीं...!

महफिलें गर हैं तो क्यूँ वीरानगी...
साथ तो सब हैं मगर 'पूनम' नहीं...!

***पूनम***

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