है बड़ी मुश्किल यहाँ कोई नज़र आता नहीं...
आप ही अब कुछ कहें...मुझको समझ आता नहीं....!!
दूर तक तन्हाई ही मुझको नज़र आती है अब...
कोई तो हमदम मिले...मुझको समझ आता नहीं...!!
आप थे हमदम मेरे अब हो गयी हैं दूरियां...
कैसे होंगी दूर ये...मुझको समझ आता नहीं...!!
है कोई तो बात वरना आप कुछ कहते ज़रुर ...
आप हैं खामोश क्यूँ...मुझको समझ आता नहीं....!!
फासले मिट जायेंगे..सिमटेंगी सारी दूरियाँ...
पास कैसे आयेंगे...मुझको समझ आता नहीं...!!
***पूनम***
उम्दा कहा है..
जवाब देंहटाएंप्रेम को आज तक कोई समझ सका है क्या...
जवाब देंहटाएंबेहतरीन भाव ... बहुत सुंदर रचना प्रभावशाली प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसब समझ आता है आपको :-))
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना...
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