मंगलवार, 29 अक्टूबर 2013

आओ...एक दीप जलाएं....





कभी जब हो उदासी तुम पे छाई...मुस्कुराओ तुम...
जलाओ एक दीपक प्रेम का...और गीत गाओ तुम...!
अँधेरा अपने घर के साथ...जग का दूर कर दो तुम...
कभी रोते हुए बच्चे के संग संग खिलखिलाओ तुम...!!




***पूनम***



6 टिप्‍पणियां:

  1. एक घर का अंधेरा भी दूर कर रकें हम तो जीवन सार्थक है ...

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  2. अगर मन का अँधेरा दूर हो जाये तो घर का अँधेरा अपने आप दूर हो जाता है |
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