सोमवार, 11 मार्च 2013

इम्तहान......









कोई हो जाये गर तेरा यूँ ही...
उसका तुम इम्तहान मत लेना..!!

मिल न जाऊं कहीं मैं रस्ते में...
ऐसा कोई मुकाम मत लेना...!!

तेरे वादे का था एतबार मुझे...
अब मेरा एतबार मत लेना...!!

मैंने सपने बुने हैं पलकों पे....
तुम मेरा वो जहान मत लेना...!!

मेरा दिल यूँ ही बहल जायेगा 
तुम बस उसका बयान मत लेना...!!

दिल तो यूँ भी किसी का होना था..
प्लीज़...तुम उसका नाम मत लेना...!!

लेते रहते हो इम्तहाँ सबका....
बस मेरा इम्तहान मत लेना...!!


***पूनम***
११/०३/२०१३



5 टिप्‍पणियां: