गुरुवार, 14 फ़रवरी 2013

मुहब्बत जब किसी से की जाये...








एक मुहब्बत की थी मैंने...
एक मुहब्बत करती हूँ.....
एक मुहब्बत तुम थे...मैं थी...
एक मुहब्बत.......बस मैं हूँ !
तुमको पा कर पाया सब कुछ
सब कुछ पा कर खोया है 
तेरी मुहब्बत तू ही जाने
पाक मुहब्बत में....मैं हूँ !
तेरी दुनिया तू था...तू है
मेरी दुनिया थी तुझमें....
आज मेरी दुनिया है मुझमें 
आज मेरी दुनिया मैं हूँ........!!




9 टिप्‍पणियां:

  1. खुद से प्यार करो , दुनिया हंसी हो जाएगी ॥

    जवाब देंहटाएं
  2. लोग प्रेम में इतना उकझ क्यों जाते हैं. --रचना अच्छी है.
    Latest post हे माँ वीणा वादिनी शारदे !

    जवाब देंहटाएं
  3. terri muhabbat tu hi jaane
    paak muhabbat main hoon...main hoo...

    bahut khoob

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत खूब पूनम जी....दुनिया किसी के प्यार में जन्नत से कम नहीं....

    जवाब देंहटाएं
  5. वाह! बहुत खुबसूरत एहसास पिरोये है अपने......

    जवाब देंहटाएं
  6. स्वयं बस प्रसन्न रहने की चाह है..वह रहेगी तो बिखरेगी ही..

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत सुन्दर...
    खुद को चाहने से बड़ी कोई ख़ुशी नहीं...

    अनु

    जवाब देंहटाएं
  8. ख़ुशी ऐसे भी ढूढी जा सकती है..... वाह

    जवाब देंहटाएं